वो मंद मंद मुस्कान तेरी, मेरे निश्छल मन को छल बैठी, तेरी अद्भुत मीठी वाणी भी मेरे मन कोमल को हर बैठी, तू सज्जन चंचला नारी सी, मै नादान 🐦परिंदा हूँ, तू 🦚मयूरी जैसी चाल चले, मैं नटखट कृष्णा कन्हैया हूं, तू राधे सी इतराती है, मै तो बस वंशी बजैया हूं, इस ❤️प्रेम मोह चक्कर मे जाने कितने रास रचाता हूं, लोग कहते मुझको छलिया हैं, मै तो बस बासुरी बजाता हूं... 🦚Avs🦚 #प्रेम the motive of love