पेज-23 लेकिन शुभ कार्य करने पूर्व आप सब सुबह देर से मंदिर हो कर आ जाइये..! मनीषा-भैया.. देर से क्यूँ रोज सुबह जाते हैं कल देर से... कोई खास वज़ह...! राकेश-हुम्म.. कल तुम्हें पूरी कालोनी देखेगी ना.. इसलिये.. ! मनीषा-ओह्ह... सरप्राइज..! राकेश-हूम्म.. समझ गये..! मनीषा-बहन किसकी हूं अब..! इतना कहकर राकेश अपने घर को चला रास्ते में चंद्रमुखी जी का घर पड़ा जहाँ चंद्रमुखी जी पट बंद ही करने वाले थे कि राकेश ने कहा-बहना दो मिनट रुकिये ना..! चंद्रमुखी जी-उइ मइया.. ! भैया जी आइये ना पधारिये...और एक गीत गुनगुनाने लगे... ! स्वागत है भैया जी आपका,.. स्वागत है भरमार.. ! राकेश-बहुत बहुत आभार बहना बस एक संदेश भिजवाने के लिये आपको कष्ट दे रहा हूं.. चंद्रमुखी जी-हाँ प्यारे भाई जी हुक्म कीजिये बहना सुनने को उतावली हो रही है..! राकेश-जी मानक के घर बस इतना बताना है कि कल दोपहर को लड़की वाले मानक को देखने आने वाले हैं.. ! चंद्रमुखी जी- ओये होये..राजा की जायेगी बारात रंगीली होगी रात मगन में नाचूंगी... हाय मगन मैं नाचूंगी...! भैया आपको पता है एक नंबर डांस आता है मुझे.. आप देखना सब लोग मेरे ऊपर से ही नोटों की न्योछावर करेंगे..! राकेश-बिलकुल बहना अगर बात जम गई तो बहुत जल्द.. "" चंद्रमुखी जी- शहनाइयों की सदा कह रही है.. मिलन की मुबारक़ घड़ी आ गई है...! राकेश-हाँ बहना आप ध्यान से बता देना उन्हें और उनकी तमाम बहनों भाइयों को भी..! चंद्रमुखी जी- पल्लो लटके री मारो पल्लो लटके..जरा सा.. जरा सा... हुम्म.. जरा सा... !💃 राकेश-(🤭ओ गॉड अभी तो शादी तय भी नहीं हुई है) बहना ओ बहना आप बता तो दोगे ना..! अररररर रे इधर देखकर बोलो बहना..! चंद्रमुखी जी-धूम मचा दे धूम मचा दे धूम..! 💃 राकेश-अल्लाह... !🤔 (किसी और को भी बताना पड़ेगा..) अच्छा चलता हूं बहना जय सियाराम.. !🙏 आगे शालिनी बहना का घर पड़ता है मगर पता नहीं वो जाग रहे होंगे या नहीं... देखूँ तो उस तरफ... 🚶♂️🚶♂️🚶♂️🚶♂️🚶अरे हाँ ये तो... प्रिया खड़ी है शायद...!जय सियाराम प्रिया... ! प्रिया-ओ तेरी.. भैया आप इस वक़्त.. कहां से आ रहे हैं.. ! राकेश-अरे सुनो ना मेरा काम करोगे प्लीज..! प्रिया-अर्रे ये क्या बात हुई क्यूँ ना करूंगी मैं.. कहिये ना.. ! राकेश-अरे मानक के घर ख़बर भिजवाना है कि कल दोपहर को मानक को देखने वाले आ रहे हैं..! प्रिया-अभी लीजिये अभी कॉल किये देती हूं..! राकेश-तुम उन्हें बता दो मुझे थोड़ा अर्जेन्ट काम है मैं चलता हूं..! (कुछ दूर चलते ही.. )अरे ज़नाब कहां से तशरीफ़ ला रहे हैं आप.. बड़ी जल्दी में दिख रहे हैं..! राकेश-अरे हिसाम साहब... क्या बताऊं एक बड़े काम को अंजाम देना है...! हिसाम जी-अरे हुक्म करें.. शायद हम भी किसी काम आ जायें...! राकेश-अरे जी बिलकुल आप तो काम आने ही आने हैं..! ईश्वर ने चाहा तो बहुत जल्द इस कालोनी में उत्सव होगा . ! हिसाम जी-अरे वाह क्या बात... नइ कालोनी में पहला उत्सव होगा.. .चलिए हमें इंतजार रहेगा..! ख़ुदा हाफ़िज.. ! राकेश-ख़ुदा हाफ़िज हिसाम साहब 🙏🙏 दृश्य समाप्त.. अब आगे -24 ©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी. पेज-23 लेकिन शुभ कार्य करने पूर्व आप सब सुबह देर से मंदिर हो कर आ जाइये..! मनीषा-भैया.. देर से क्यूँ रोज सुबह जाते हैं कल देर से... कोई खास वज़ह...! राकेश-हुम्म.. कल तुम्हें पूरी कालोनी देखेगी ना.. इसलिये.. ! मनीषा-ओह्ह... सरप्राइज..! राकेश-हूम्म.. समझ गये..! मनीषा-बहन किसकी हूं अब..!