आँगन में...सुनकर नुपूर की..वो...खनक तेरे पायल की... सहसा...हृदय बढ़ा देता है...धड़कने मेरी की...अब सहा...न जाएगा घायल हूँ... धुन..मात्र से...मैं जो पूछा हाल...तो अब कहा... न जाएगा चीरकर... पीर...पर्वत मैंने बहाया है...निश्छल प्रेम में खुद को.... जो मिलाये... नैन तो अब संग किसी... ओर के...मुझसे बहा...न जाएगा हूँ अडिग... भरोसे पर...तेरे जो सिरकी... जमीं तो...दिल की किसी को...तुझ सा मुझसे..अब चाहा...न जाएगा !! ©Raj choudhary "कुलरिया" #नुपूर आँगन में...सुनकर नुपूर की..वो...खनक तेरे पायल की... सहसा...हृदय बढ़ा देता है...धड़कने मेरी की...अब सहा...न जाएगा