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आंखों के कोनों पर आकर क्यों नींद यूं ठहरी है टूटी

आंखों के कोनों पर आकर क्यों नींद यूं ठहरी है
टूटी है कुछ उम्मीदें या फिर रात ही गहरी है
गांव की तरफ भी कोई सड़क जाती है क्या
हमें क्या मालूम हम तो अब बन चुके शहरी हैं

©saurabh pandey
  #हमशहरीहै 
#Hindi #Life #Shayari #Poetry #Yaad #Feeling  Anshu writer  POOJA UDESHI anpoetryclub Bhavna singh Author