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क्या शब्द लिखूँ ,क्या गीत लिखूँ, क्या गुरु की महिम

क्या शब्द लिखूँ ,क्या गीत लिखूँ, क्या गुरु की महिमा बताऊँ,
है नामुमकिन कुछ भी लिखना, क्या सागर को क्षीर बनाऊँ?

जो हमे अंधेरों से भरे उजाले के पथ पर ले आते हैं,
जो अंधों को भी जीवन के जीने की कला बताते हैं,
जो पंखहन खग पक्षी को भी उड़ना गगन सिखाते हैं,
हैं वहीं द्रोण हैं, वही परशु हैं, वहीं गुरु कहलाते हैं..

शब्द समूहों से महिमा वर्णित करना नामुमकिन है,
क्या गीत ग़ज़ल से गुरु शब्द का सार बताना मुमकिन है,
नामुमकिन है ग्रंथ भी लिखना, गुरु की की महिमा वर्णन का,
पानी की बूंदों से क्या सागर भर पाना मुमकिन है..

हम सबके बढ़ते कदमों पर दिल से जो मुस्काता है,
हम सबके मंज़िल पाने पर ही जो खुशी बनाता है,
उसे खुशी कि मेहनत उसकी हो गयी आज सार्थक है,
वह अपने चार साथियों में हम सबका नाम बताता है.

गर्व से कहता शिष्य हमारे फूला नहीं  समाता है,
अखबारों में लिखे नाम को चारों ओर दिखाता है
तस्वीर तुम्हारी मुख्य पृष्ठ पर देख खुशी मनाता है,
हां वहीं द्रोण है वहीं परशु है वहीं गुरु कहलाता है.. teachersday
क्या शब्द लिखूँ ,क्या गीत लिखूँ, क्या गुरु की महिमा बताऊँ,
है नामुमकिन कुछ भी लिखना, क्या सागर को क्षीर बनाऊँ?

जो हमे अंधेरों से भरे उजाले के पथ पर ले आते हैं,
जो अंधों को भी जीवन के जीने की कला बताते हैं,
जो पंखहन खग पक्षी को भी उड़ना गगन सिखाते हैं,
हैं वहीं द्रोण हैं, वही परशु हैं, वहीं गुरु कहलाते हैं..

शब्द समूहों से महिमा वर्णित करना नामुमकिन है,
क्या गीत ग़ज़ल से गुरु शब्द का सार बताना मुमकिन है,
नामुमकिन है ग्रंथ भी लिखना, गुरु की की महिमा वर्णन का,
पानी की बूंदों से क्या सागर भर पाना मुमकिन है..

हम सबके बढ़ते कदमों पर दिल से जो मुस्काता है,
हम सबके मंज़िल पाने पर ही जो खुशी बनाता है,
उसे खुशी कि मेहनत उसकी हो गयी आज सार्थक है,
वह अपने चार साथियों में हम सबका नाम बताता है.

गर्व से कहता शिष्य हमारे फूला नहीं  समाता है,
अखबारों में लिखे नाम को चारों ओर दिखाता है
तस्वीर तुम्हारी मुख्य पृष्ठ पर देख खुशी मनाता है,
हां वहीं द्रोण है वहीं परशु है वहीं गुरु कहलाता है.. teachersday
abhay3461144956317

✍️Abhay

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