मन के कोरे कागज पर इन्द्रधनुष के रंग चढ़ा, जम चुके मेरे कदमों को थोड़ा और चला, खुशियों में डूबा के रख चाहे कोई भी गत हो, बस ऐ जिंदगी तू नाराज मत हो। माना कदमों में लिपटा अंगार लिपटा है, और मन में सपनों का भंगार दिखता है, तू रूठ गई तो फिर कैसे संगत हो, ऐ जिंदगी तो नाराज मत हो। माना गलती जो हमने थोड़ी सी बेरुखी दिखाई, पर नजाकते वक़्त में ये मजबूरी मुझ पर आईं, तुम्हे दुख लग जाए ऐसी ना अब कोई हरकत हो, ऐ जिंदगी तू नाराज़ मत हो। मेरे पलछिन के पहलुओं पर इजाज़त तुझसे ही लेंगे, तू कहे तो तेरे सुलझाए राहों कि ओर मुंह कर ही लेंगे, तू जो रूठ जाए तो लगती जैसे शहादत हो, ऐ जिंदगी बस तू नाराज़ मत हो। जब देखो तब तू हमसे रूठ जाती है। इतना भी नहीं देखती कि तेरे ही लिए तो हम जी रहे हैं, मर रहे हैं। #नाराज़मतहो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi