हास्य व्यंग्य कविता. ........बाब के चोचलें.. बाबा जो थे अब व्यापारी वो हो गये । लड़के सब कुवांरे कबाड़ी है हो गये ।। लुट कर ले गये सारे मजे बाबा private में । और देखो . दामाद सरकारी वो हो गये ।। कोई हरि का Tender पास किया । कोई कृष्ण को अपने साथ किया । एक राधे माँ जो है अपनी ; उसने तो सबसे खास किया ।। खुद कृष्ण की प्यारी बन बैठी । बांके की दुलारी बन बैठी ।। अपने भक्तो के दुखः हरने को ; शीला की जवानी बन बैठी ।। कुछ मनोरंजन बाबा भी है । कुछ दुखःभंजन बाबा भी है ।। एक नये नये आये Market में ; दन्तमंजन बाबा भी है ।। अब आपके समस्याओं की फाईल ; बाबा ही पास करायेंगे । कुछ ईधर भी ढीली करीये साहब ; कुछ उपर भी तो जायेंगे ।। ईन्द्र स्वर्गपति बैठे है जो ; वो आधा कट ले जाते हैं । रम्भा उरवशी मेनका की : मेकअप का खर्च उठाते है।। और आप जो साहब शौक से ; बीड़ी सिगरेट जलाते है ।। उसपे अग्निदेव हमारे ; GST को लगाते हैं ।। वायुदेव के लिए भी कुछ न कुछ तो जायेगा । वरना पृथ्वीलोक पर Oxygen कहां से आयगा।। और महाकाल के खर्चे सावन में दुगने हो जाते हैं । गणेश जी के साथ साथ मूषक भी लड्डू खाते हैं ।। ईतना सारा खर्च है साहब हमें, कहां कुछ बचता हैं । ईस कलयुग में बजरंगवली छोड़ ; और कहां कोई सस्ता है ।। पर ऐसा नहीं की आपकी फाईल ; यूँ ही वहां पर जायेगी । बस उस पर हमारे Organization की ; Processing Fee लगायी जायेगी ।। और VIP कोटा चाहिए तो कुछ ; Hidden Charge लग जायेगा । क्योंकि ईस जन्म में आपकी फाईल ; टेबल तक पहुंच नही पायेगा ।। जैसी Service चाहिए आपको ये ; फार्म भर के जमा करे । Free में कुछ मिलता नही साहब ; आगे बढ़िये क्षमा करें ।। @ ठाकुर नीलमणि #बाब के चोचलें.. Charu Gangwar