व्यर्थ आशाएं और यातना का आधार है प्रेम क्या है बस मिथ्या का संसार है कौन आजीवन प्रेम करता है? कौन वचनों की लाज रखता है? त्याग भाव यहाँ कौन रखता है, द्रौपदी के प्रतिशोध में यहाँ, कौन पांडव युद्ध करता है? बस स्वार्थ से सन्नाहित एक विचार है, प्रेम क्या है मिथ्या का संसार है सब वास्तविकता बतलायेंगे, इस मोह के टूटे मनके, हर जगह मिल जाएंगे, वे अश्वस्त थे उनका प्रेम सफल होगा, उनका विश्वास भी प्रेम पर अटल होगा, यौवन को विस्मित करने का मायाजाल है, प्रेम क्या है, मिथ्या का संसार है प्रेम मिथ्या का संसार