जब प्रेम से प्रिय मिल जाते हों रूठे फिर से गले लगाते हों, जब कहीं किसी से वैर नही सब अपने हों, कोई ग़ैर नही, अपनत्व की खुशबू आती है उस रोज़ 'दिवाली' होती है। #gif अपनत्व की दीवाली...अटल विहारी बाजपेयी जी के कविता से प्रेरित #दिवाली#अपनत्व