बरसात में ही सही तू सुध तो ले लिया कर.. बन केंचुआ तू जमीन से बाहर आ जाया कर .. रोपी थी जो फ़सल उसे देख जाया कर.. सावन में ही सही तू पानी तो डाल जाया कर .. बन केंचुआ तू ....... सुना है एक नहीं चार हृदय है तेरे , किसी एक की तो धड़कन तू सुन जाया कर .. रेंगते रेंगते ही सही खुशबु को पहचान जाया कर .. बस बन केंचुआ तू ... #केंचुआ #प्रेम