"ऐ दिल तुझसे इल्तिज़ा है कुछ पल खामोश रहना, "जनाजा हम अपनी मोहब्बत का उठाने चल रहे हैं......... "जुर्म - ए - मोहब्बत किया था आज फैसला होना है, "सजा - ए - उम्र कैद खुद को सुनाने चल रहे हैं......... "चाहने वाले हमसे किनारा करें मुमकिन है, "हम पलकों पर दरिया उठाने चल रहे हैं। ~ विपिन कुमार #Dil #Khamoshi #Palak #Dariya #Saza #Zurm #Shayari #Nojoto