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लिखने से क्या हो जाएगा... लोग अक्सर कहते है पूछते

लिखने से क्या हो जाएगा...

लोग अक्सर कहते है पूछते हैं,
कि इतना लिखते हो इस लिखने से क्या होगा,
कौन पढ़ेगा कौन पढ़ता ही होगा,लोग देख कर आगे बढ़ जाते होंगे,
कोई पढ़ता भी ना होगा, जो तुम लिखते हो,
मैंने कहा लिखने से होगा बहुत कुछ होगा,हां मैं लिखता हूं और लिखता रहूंगा,
मुझे नहीं फर्क पड़ता की कोई पढ़ता है या नहीं,
क्योंकि मैं लोगो के लिए नहीं लिखता हूं, मैं लिखता हूं अपने लिए,
अपने अन्दर उठते भावनाओं के तूफानों को,
अपने सुख दुख अपनी तकलीफ अपने विचारों को,जो कहीं मन के कोने में दबे पड़े रहते हैं,
अन्दर ही अन्दर मुझे खाते रहते हैं,उन्हे बाहर निकालता हूं लिख कर मैं,
खुद को शान्त करने के खातिर,
मुझे नहीं फर्क पड़ता लोग क्या बोलते हैं,क्या सोचते हैं,
क्योंकि उनका काम है बोलना सोचना उनका सोच के देख के चलेंगे तो जीना मुश्किल होगा,
लिखने से मुझे सुकून मिलता है,मुझे एक नई ऊर्जा मिलती है,
जो शब्द जो बातें मैं किसी से चाह कर भी कह नहीं पाता वो बिना कहे कह जाने का सुकून मिलता है,
किसी को अपने लिए परेशान किए बिना ना दिखने वाला एक दोस्त है ये मेरा लेखन,
जो मुझे कभी भी किसी मोड़ पे ना तो छोडके जाएगा ना धोका देकर जाएगा,
ये हमेशा जब तक सांसे है मेरी मेरे साथ यूंही लिखता जाएगा,
और हो सकता है मेरे लिखे शब्द किसी को उसकी आप बीती उसके हालातों से लड़ने का एक हौसला दे जाएं,
इसलिए लिखना जरूरी है।।
लिखने से कुछ होगा या ना होगा मुझे नहीं पता,
पर मुझे एक सुकून जरूर होगा.... 🥰📝

#सादर आभार 🙏
#मन_में_एकाएक

#शिव

©Shivendra Gupta #booklover
लिखने से क्या हो जाएगा...

लोग अक्सर कहते है पूछते हैं,
कि इतना लिखते हो इस लिखने से क्या होगा,
कौन पढ़ेगा कौन पढ़ता ही होगा,लोग देख कर आगे बढ़ जाते होंगे,
कोई पढ़ता भी ना होगा, जो तुम लिखते हो,
मैंने कहा लिखने से होगा बहुत कुछ होगा,हां मैं लिखता हूं और लिखता रहूंगा,
मुझे नहीं फर्क पड़ता की कोई पढ़ता है या नहीं,
क्योंकि मैं लोगो के लिए नहीं लिखता हूं, मैं लिखता हूं अपने लिए,
अपने अन्दर उठते भावनाओं के तूफानों को,
अपने सुख दुख अपनी तकलीफ अपने विचारों को,जो कहीं मन के कोने में दबे पड़े रहते हैं,
अन्दर ही अन्दर मुझे खाते रहते हैं,उन्हे बाहर निकालता हूं लिख कर मैं,
खुद को शान्त करने के खातिर,
मुझे नहीं फर्क पड़ता लोग क्या बोलते हैं,क्या सोचते हैं,
क्योंकि उनका काम है बोलना सोचना उनका सोच के देख के चलेंगे तो जीना मुश्किल होगा,
लिखने से मुझे सुकून मिलता है,मुझे एक नई ऊर्जा मिलती है,
जो शब्द जो बातें मैं किसी से चाह कर भी कह नहीं पाता वो बिना कहे कह जाने का सुकून मिलता है,
किसी को अपने लिए परेशान किए बिना ना दिखने वाला एक दोस्त है ये मेरा लेखन,
जो मुझे कभी भी किसी मोड़ पे ना तो छोडके जाएगा ना धोका देकर जाएगा,
ये हमेशा जब तक सांसे है मेरी मेरे साथ यूंही लिखता जाएगा,
और हो सकता है मेरे लिखे शब्द किसी को उसकी आप बीती उसके हालातों से लड़ने का एक हौसला दे जाएं,
इसलिए लिखना जरूरी है।।
लिखने से कुछ होगा या ना होगा मुझे नहीं पता,
पर मुझे एक सुकून जरूर होगा.... 🥰📝

#सादर आभार 🙏
#मन_में_एकाएक

#शिव

©Shivendra Gupta #booklover