मुकम्बल नहीं इश्क़ हर किसी की इबादत में मगर मुनासिब दर्द फिर भी तू कम दिया कर नहीं मरता कोई भले ही दूर होकर किसी से फिर भी ख़ुदा तू किसी को किसी से जुदा मत किया कर।।। ©Tushar Gupta #इबादत