इंसान रोका जाएगा तुम तूफान को कैसे रोक पाओगे , उदय होते हुए सूरज को तुम कभी नहीं झुका पाओगे। रक्त का कतरा - कतरा जब सोलहों से बढ़कर होगा , आजादी का नारा तब सबके सिर मथे चढ़कर होगा। धरती के इस छोर से उस छोर तक जो नाम की गूंज जाएगी, शक्ति दे हमें भारत माता अब तेरी लाज बचाई जाएगी। कफन बांधकर सिर पर अब निकला एक परवाना है , देखते ही उसको पता चले यह भारत मां का दीवाना है। तानाशाह और राजतंत्री सब इसके आगे झुकते थे , देखा हमने बड़े-बड़े तूफान भी इसके आगे रुकते थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं। इंसान रोका जाएगा तुम तूफान को कैसे रोक पाओगे , उदय होते हुए सूरज को तुम कभी नहीं झुका पाओगे। रक्त का कतरा - कतरा जब सोलहों से बढ़कर होगा , आजादी का नारा तब सबके सिर मथे चढ़कर होगा।