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कबीर और तुलसी के ये दोहे सजाती। गीता और रामायण क

कबीर  और  तुलसी के ये दोहे सजाती।
गीता और रामायण का सार भी बताती।
ऐसी सुंदर, सरल है ये अपनी मातृभाषा,
कोरे कागज़ पे सुंदर गीत बन सज जाती।

हिन्दी और  हिन्द पर अब करो अभिमान।
हिन्दी अपनी मातृभाषा, है ये अपनी शान।
गर्व करो हिन्दी पे सब हिन्द देश के वासी,
तभी बनेगी हिन्दी की चहुँ ओर पहचान।

मत करो तुम, हिन्दी भाषा का तिरस्कार।
मिले इसमें अपनापन, सिखाती है प्यार।
माँ के आँचल सी लगे, देती ममता की छाँव, 
रिश्तों में मान बढ़ाये, मिले स्नेह दुलार। #सनेहा_अग्रवाल 
#मैं_अनबूझ_पहेली 

#Hindidiwas
कबीर  और  तुलसी के ये दोहे सजाती।
गीता और रामायण का सार भी बताती।
ऐसी सुंदर, सरल है ये अपनी मातृभाषा,
कोरे कागज़ पे सुंदर गीत बन सज जाती।

हिन्दी और  हिन्द पर अब करो अभिमान।
हिन्दी अपनी मातृभाषा, है ये अपनी शान।
गर्व करो हिन्दी पे सब हिन्द देश के वासी,
तभी बनेगी हिन्दी की चहुँ ओर पहचान।

मत करो तुम, हिन्दी भाषा का तिरस्कार।
मिले इसमें अपनापन, सिखाती है प्यार।
माँ के आँचल सी लगे, देती ममता की छाँव, 
रिश्तों में मान बढ़ाये, मिले स्नेह दुलार। #सनेहा_अग्रवाल 
#मैं_अनबूझ_पहेली 

#Hindidiwas