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जैसे दीपक संग बाती है रहती प्यारे बिन तेरे मैं कुछ

जैसे दीपक संग बाती है रहती प्यारे
बिन तेरे मैं कुछ नहीं हूँ 'साजन' मेरे

नदिया कहाँ ? पार होती नांव बिना
'जीवन रथ' के दो पहिये है हम यहाँ

प्रेम सुमन खिलता, मिलते जब हम
अधूरा जीवन जब अलग थलग हम

दो आँख सहती सब साथ साथ जैसे
हम भी पूरक, एक दूजे के यहाँ वैसे  #collabwithकोराकाग़ज़ #kkप्रीमियम #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #kkpc28

कविता :- नाव और नदी
जैसे दीपक संग बाती है रहती प्यारे
बिन तेरे मैं कुछ नहीं हूँ 'साजन' मेरे

नदिया कहाँ ? पार होती नांव बिना
'जीवन रथ' के दो पहिये है हम यहाँ

प्रेम सुमन खिलता, मिलते जब हम
अधूरा जीवन जब अलग थलग हम

दो आँख सहती सब साथ साथ जैसे
हम भी पूरक, एक दूजे के यहाँ वैसे  #collabwithकोराकाग़ज़ #kkप्रीमियम #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #kkpc28

कविता :- नाव और नदी
krishvj9297

Krish Vj

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