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2) रिमझिम:- ग़ज़ल अब के सावन, यह बात हो गई अपने

2) रिमझिम:- ग़ज़ल

अब के  सावन, यह बात हो गई
अपने 'प्रेम' से  मुलाकात हो गई
सूखा था,  हर मंज़र ज़िंदगी का
आज  सुकून की बरसात हो गई

ख़ामोश लब थे, दोनों के कब से
आज 'आँखों' से  ही बात हो गई
मशगूल थे हम आगोश में उनके
हौले-हौले से  कब ये रात हो गई

वीरान था यह सावन बिन उनके
मिले जो हम, ये करामात हो गई
एहसास उमड़ पड़े कई  "कृष्णा" 
ख़्वाब, हक़ीक़त  के नाम हो गई  #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkरिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #कोराकाग़ज़ #रिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम

  2) रिमझिम:- ग़ज़ल

अब के  सावन, यह बात हो गई
अपने 'प्रेम' से  मुलाकात हो गई
सूखा था,  हर मंज़र ज़िंदगी का
आज  सुकून की बरसात हो गई
2) रिमझिम:- ग़ज़ल

अब के  सावन, यह बात हो गई
अपने 'प्रेम' से  मुलाकात हो गई
सूखा था,  हर मंज़र ज़िंदगी का
आज  सुकून की बरसात हो गई

ख़ामोश लब थे, दोनों के कब से
आज 'आँखों' से  ही बात हो गई
मशगूल थे हम आगोश में उनके
हौले-हौले से  कब ये रात हो गई

वीरान था यह सावन बिन उनके
मिले जो हम, ये करामात हो गई
एहसास उमड़ पड़े कई  "कृष्णा" 
ख़्वाब, हक़ीक़त  के नाम हो गई  #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkरिमझिम #रिमझिमग़ज़ल #कोराकाग़ज़ #रिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम

  2) रिमझिम:- ग़ज़ल

अब के  सावन, यह बात हो गई
अपने 'प्रेम' से  मुलाकात हो गई
सूखा था,  हर मंज़र ज़िंदगी का
आज  सुकून की बरसात हो गई
krishvj9297

Krish Vj

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