खूब किया शोषण मेरा ,जीवनदान दिया तुझको विष का पान किया हर पल ,अमृत पान दिया तुमको सहनशीलता की आखिर मेरी भी तो इक रेखा है आच्छादित कर बन वृक्षों से कल किसने देखा है #Earth day