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आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा अपनी यादों के

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा अपनी यादों के पन्ने पर उसको पढ़ते देखा,
ख्वाब उसके भी आंखो से बिछड़ते देखा,
उम्मीद जो किया थे मिल के वो भी बिखरते देखा,
आज फिर नींद को आंख से बिछड़ते देखा

मेरे गले की राग #Nind_ko_ankhon_se #shubhamsrivastava#meregalekiraag
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा अपनी यादों के पन्ने पर उसको पढ़ते देखा,
ख्वाब उसके भी आंखो से बिछड़ते देखा,
उम्मीद जो किया थे मिल के वो भी बिखरते देखा,
आज फिर नींद को आंख से बिछड़ते देखा

मेरे गले की राग #Nind_ko_ankhon_se #shubhamsrivastava#meregalekiraag