हैं खुद्दार वो, ये एहसास है मुझको भी फिर भी उनके दुख में मैं शामिल होना चाहूँ। वो हैं कितने परेशान, ये मैं जानती हूँ अभी आपने हालतों के चलते कुछ ना मैं कर पाऊँ। (अनुशीर्षक में पढ़ें) हैं खुद्दार वो, ये एहसास है मुझको भी फिर भी उनके दुख में मैं शामिल होना चाहूँ। वो हैं कितने परेशान, ये मैं जानती हूँ अभी आपने हालतों के चलते कुछ ना मैं कर पाऊँ। हे मेरे प्रभु, तू तो कम से कम साथ दे उनका अपने एहसास को तुझे कैसे मैं समझाऊँ।