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वर्षा पानी आया , बादल छाये, वर्षा ऋतु का

वर्षा

पानी आया , बादल छाये,
         वर्षा ऋतु का मौसम आया,
चम-चम करके बिजली चमकी,
      उमड़-घुमड़ कर बादल बरसे,
पिक-पिक कर मोर बोले,
            पि-पि करके पपैया बोले,
टर-टर करके मेंढक बोले,
          चारों ओर हरियाली छाई,
 पंख फैलाकर मोर नाचे,
          नदी नालों मे पानी आया,
 गांवों मे खुशहाली छाई,
            खेतों में फसलें लहराई, 
 पेड़ों पर नये पत्ते आये,
            सुहावना मौसम आया,
 अब समय शरद का आया,
   वर्षा का समय जानें को आया।

                                     ---  गोविन्द वैष्णव

©Govind Vaishnav #OneSeason #oneSeason #gvpoems write by govind Vaishnav chhabra wale
वर्षा

पानी आया , बादल छाये,
         वर्षा ऋतु का मौसम आया,
चम-चम करके बिजली चमकी,
      उमड़-घुमड़ कर बादल बरसे,
पिक-पिक कर मोर बोले,
            पि-पि करके पपैया बोले,
टर-टर करके मेंढक बोले,
          चारों ओर हरियाली छाई,
 पंख फैलाकर मोर नाचे,
          नदी नालों मे पानी आया,
 गांवों मे खुशहाली छाई,
            खेतों में फसलें लहराई, 
 पेड़ों पर नये पत्ते आये,
            सुहावना मौसम आया,
 अब समय शरद का आया,
   वर्षा का समय जानें को आया।

                                     ---  गोविन्द वैष्णव

©Govind Vaishnav #OneSeason #oneSeason #gvpoems write by govind Vaishnav chhabra wale