"खामोश" "ख्वाहिशों"ने आज फिर से "हलचल" की , "दिल" ये आज फिर से "मचल" गया । "सोते"हुए "ख्वाबों"ने आज जैसे ही "दस्तक" दी , "राही" दिल ये अपना "सम्भल" गया ।। रचना शर्मा "राही" दिल सम्भल गया