प्रेम को पाना कहाँ सरल है!!
यदि प्रेम की पराकाष्ठा मापनी है तो मापना नदी के प्रेम को...
जो सागर में समर्पण की चाह लिए बहती चली जाती है!!
सुनना कभी नदी के हृदय की पुकार...
देखना उसके मन का अडिग विश्वास...
सागर में मिलकर उसका अस्तित्व खो जाना है... #Poetry#स्वरचितरचना#AnjaliSinghal#LoveInstrumental