Nojoto: Largest Storytelling Platform

" ज़रुरी ये भी नहीं की हर बात की पेशकश की जाये , क

" ज़रुरी ये भी नहीं की हर बात की पेशकश की जाये ,
कुछ बातों का नागवार होना ही बेहतर होगा ,
सलीके अभी और भी अंदाजे मुहब्बत बिखरने को ,
बस ये गुमनाम मुहब्बत उनकी आंखों से समझा जाये . " 

                         --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " ज़रुरी ये भी नहीं की हर बात की पेशकश की जाये ,
कुछ बातों का नागवार होना ही बेहतर होगा ,
सलीके अभी और भी अंदाजे मुहब्बत बिखरने को ,
बस ये गुमनाम मुहब्बत उनकी आंखों से समझा जाये . " 

                         --- रबिन्द्र राम 

#पेशकश #नागवार#सलीके #अंदाजे  #गुमनाम #मुहब्बत #आंखों
" ज़रुरी ये भी नहीं की हर बात की पेशकश की जाये ,
कुछ बातों का नागवार होना ही बेहतर होगा ,
सलीके अभी और भी अंदाजे मुहब्बत बिखरने को ,
बस ये गुमनाम मुहब्बत उनकी आंखों से समझा जाये . " 

                         --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " ज़रुरी ये भी नहीं की हर बात की पेशकश की जाये ,
कुछ बातों का नागवार होना ही बेहतर होगा ,
सलीके अभी और भी अंदाजे मुहब्बत बिखरने को ,
बस ये गुमनाम मुहब्बत उनकी आंखों से समझा जाये . " 

                         --- रबिन्द्र राम 

#पेशकश #नागवार#सलीके #अंदाजे  #गुमनाम #मुहब्बत #आंखों