देख लेते हो चुपके से मेरे लिखे अल्फाजों को, फिर भी खामोश रह लेते हो। न जाने क्यों मेरी सासों का, हाल ले लेते हो, अभी बाकी है सांसे चले आओ, वरना कब्र पर लोग पूछेंगे क्यों रोते हो।। चले आओ........!