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{Bolo Ji Radhey Radhey} सुख हमारी देह (शरीर) को छू

{Bolo Ji Radhey Radhey}
सुख हमारी देह (शरीर) को छूते हैं, 
और दुख हमारी आत्मा को छूते हैं, 
जो दोनों ही कष्ट दायक हैं, ज्यादा 
दिमाग पर बोझ नहीं रखना चाहिए।
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey}
सुख हमारी देह (शरीर) को छूते हैं, 
और दुख हमारी आत्मा को छूते हैं, 
जो दोनों ही कष्ट दायक हैं, ज्यादा 
दिमाग पर बोझ नहीं रखना चाहिए।
जय श्री राधेकृष्ण जी।
{Bolo Ji Radhey Radhey}
सुख हमारी देह (शरीर) को छूते हैं, 
और दुख हमारी आत्मा को छूते हैं, 
जो दोनों ही कष्ट दायक हैं, ज्यादा 
दिमाग पर बोझ नहीं रखना चाहिए।
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey}
सुख हमारी देह (शरीर) को छूते हैं, 
और दुख हमारी आत्मा को छूते हैं, 
जो दोनों ही कष्ट दायक हैं, ज्यादा 
दिमाग पर बोझ नहीं रखना चाहिए।
जय श्री राधेकृष्ण जी।