ज़िंदगी खेल है क्या ? खेल सारा आसों का एक कहती है "वो भी आईना !" एक कहता है "वो भी आई ना !" खेल सारा परवाज़ों का एक कहती है "हूँ मैं पर ज़िंदा, उड़ने दो" एक कहता है "हूँ मैं परिंदा, उड़ने दो" खेल सारा इरादों का एक कहती है "दाम लगता है यहाँ" एक कहता है "दम लगता है यहाँ" ज़िंदगी खेद है क्या ? खेल है या खेद ? ज़िंदगी है, भाग लो या भाग लो । #YoPoWriMo #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #Poem #Poetry #SlamPoetry #कविता #हिंदी #Hindi #जिंदगी #खेल #आस #इरादा #परवाज़