आज फिर दिल इतना उदास क्यों है घर की चारदीवारी में ये मायूसी कैसी आसमां भी तो कहीं अबतक नही टूटा फिर आंगन में इतनी खामोशी क्यों है रूठा तो कोई नही मेरा मुझसे अभी तक घर के तमाम पहलू में मायूसियां क्यों है घर तो आज भी वही है जो पहले था मेरा फिर आंखों में कमी के इतने आंसू क्यों है मेरी " बहना " तेरे बिन अब कुछ नही होता घर भी तो तेरे बिन अब घर जैसा नही होता कोई ना होता आंगन में अब मुझसे लड़ने को बहनो से बिछड़ जाने की रस्म जाने क्यों है ? ✍️ Irfan Raaz Hadi #SisterDay #Sister_Brother #Love