कमबख्त इश्क के पैमाने बड़े पेचीदे हो गए हैं, मैं तुम्हारे लिए चांद तारे तोड़कर ले आऊंगा से शुरू होकर हाथ कि नस काटने पर खत्म हो जाता है। # the flow of poetry # the flow of poetry