मन की पीड़ा को कौन समझ सकता है.. क्या खोया क्या पाया कौन समझ सकता है.. बहुत सरल है कहना जो है अच्छा है.. लेकिन जो है उसी में जीना कैसा लगता है.. कौन समझ सकता है..!! ©Anokhi #मन की पीड़ा