प्यार मुहब्बत की जज़्बातें, लगती है फ़रेब की बातें, जुड़े जरूरत से जब नाता, होती है छल की बरसातें, खो जाता है चैन दिवस का, कटती नहीं विरह की रातें, मरता जब विश्वास प्रेम में, लगती है दिल को आघातें, बचे न जब उम्मीद जहाँ से, करता बंद श्वास के खाते, दुख के बादल छाए नभ में, लेकर चलो समझ के छाते, रब से रखो राब्ता 'गुंजन', ख़ुशियों की होगी बरसातें, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #ख़ुशियों की होगी बरसातें#