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अकेलापन ने तोड़ा हमें तन से, चलते-चलते हम खुद से


अकेलापन ने तोड़ा हमें तन से,
चलते-चलते हम खुद से अनजान हो गए।

ख्वाबों की दुनिया से अब बेगाने हो गए,
कोई हमें अब तक अपना समझा नहीं।

जुदाई की आग में अब हम जल रहे हैं,
हर पल दर्द से जीते जा रहे हैं।

कभी तो सोचा नहीं था इस तरह बिछड़ना,
क्योंकि दिल में तो हम सदा एक दूसरे के ही थे।

पर अब तो जुदाई की राहों में हम चले जा रहे हैं,
जीवन के हर पल में अब अकेलापन ही हमारा साथी है।

©Shayari area
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