हमने भी कुछ कयास लगाए हैं आग लगी है, तभी तो धूएं को आसमां में उठता पाएं हैं शहर की भीड़ का एहसास तब हमें भी हुआ हार्न गाड़ियों के जब पीं पीं बजता पाएं हैं होड़ लगी है कि कौन पहले पहुंचेगा मंजिल तक इस दौड़ में हम सब कुछ अपना गांव छोड़ आए हैं चमचमाते इस मायावी दुनिया से आंखें चौधिंया सी गई हैं हम जितनी तेज आगे निकले थे उतना ही खुद को औरों से पीछे पाएं हैं ©"Narayan"