इत्तेफ़ाक़ ए उल्फत हुई उनको हमसे और हम उनके हुस्न के तलबगार हो गए मेरा मुझमें कुछ न रहा बाकी उनपर ऐतबार करते करते... ©Nikhil Kaushik #इत्तेफ़ाक़ ए #उल्फत हुई उनको हमसे और हम उनके #हुस्न के #तलबगार हो गए मेरा मुझमें कुछ न रहा #बाकी उनपर #ऐतबार करते करते... #इश्क #मोहोब्बत #HindiWritings #hindiwriting