वक्त ज्यों ज्यों बढ़ रहा, बढ़ रही धड़कनें डोर सम्बन्धों की ,अटूट होने लगी । कितनी अंजान थी ,एक कोमल कली । आज खुशबू दिलों रूह महकने लगी । कई जन्मों से था ,प्यार का वास्ता । इस जन्म फिर वही रीति चलने लगी। साथ सांसों का सांसों की इति तक रहे ।सब तरंगे दुआ दिल की करने लगीं । #सायक