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# बिगड़ी हुई इक नज़्म बनी ज़िंदगी | Hindi Shayari

बिगड़ी हुई इक नज़्म बनी ज़िंदगी मेरी
ग़म है यही कि ख़त्म हुई बंदगी मेरी

सींचा चमन लहूसे किसी ग़ैर का मगर
गुलशन मेरा जला गई दीवानगी मेरी

आया न मुझे रास वो कूचा-ए-अहल-ए-दिल
बर्बाद कर गई मुझे आवारगी मेरी
odysseus9022

Odysseus

Bronze Star
New Creator

बिगड़ी हुई इक नज़्म बनी ज़िंदगी मेरी ग़म है यही कि ख़त्म हुई बंदगी मेरी सींचा चमन लहूसे किसी ग़ैर का मगर गुलशन मेरा जला गई दीवानगी मेरी आया न मुझे रास वो कूचा-ए-अहल-ए-दिल बर्बाद कर गई मुझे आवारगी मेरी #Poetry #ghazal #Hindi #HeartBreak #urdu #म्यूज़िक

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