बाबा भीमराव री बात चल्यां, मन भारत माता मोदीजै सँविधान री गाथा सुण्या, हर हिंदुस्तानी गरबीजै लाम्बी कहाणी रो के लिखणो, बस बात पते री बतलाऊं भीमराव जी रे संघर्ष री, वा सार कहाणी बतलाऊं वा निजराष्ट्र रो हितकारी, वा प्रेम भाव रो पुजारी जात-पात मजहब मिटाबा, वा लड्यो घणो क्रांतिकारी वा घणा सह्या अपमान, मान पर घट्यो कोनी वा भण्यो सपूत सुजान, अनहोनी कर ग्यो होनी अनहोनी कर ग्यो होनी, बात समरसता री बताई कह्यो मेटो मन रा भेद, मिळो ज्यूँ भाई भाई पण अबकाळे आफ़त आयी है, भारत री रूड़ी रीतां पर बलीदानी वीर सपूतों पर, गरबिलै जौहर गीतां पर मर मर जो अमर हुआ, निज स्वाभिमान रे बळ माथे वा शौर्य सपूता री गाथा, इण टैम लड़े है छळ साथे छळ भी अपणा संग अपणा रो, दूजां नै देवां दोष किंया "शिव'' सहन करण री सीमा है, अब जिया किया बेहोश जिंयां..। ©Shiv~ #dryleaf #बाबासाहेब_आंबेडकर #BhimraoRamjiAmbedkar