है कश्ती किनारो पर समुन्द्र बहुत गहरा है तेरे सपने में आउ कैसे पलकों पर जो पहरा है।। बसा लु और को दिल मे कभी ये हौ नही सकता मेरी आँखों मे दिखता आज कल तेरा ही चेहरा।। मेरे सीने में जो दिल है वकालत तेरी करता है मुझे समझ नही आता ये दिल तेरा है क मेरा है।। जो आँखों से छलके पानी जमाना आंसू समझता हैं जमाना कैसे समझेगा जो आंसू पलकों पे ठहरा है।। एक तेरे होने से मेरी दुनिया में उजाला है। तेरे बिन मेरी जिंदगी में अँधेरा था अंधेरा है #hamariadhurikhani