आज भी याद आती है स्कूल की यार वो सुबह की प्रेयर और ताज़ा समाचार, वो रोज़ की प्रतिज्ञा और रोज़ का विचार। वो सीट के लिए लड़ना और बात-बात पे झगड़ना, वो फूलों पर बैठी तितलियों को धीरे से पकड़ना। वो लाइब्रेरी का सन्नाटा और कॉरिडोर का शोर, वो पर्ची वाला खेल "राजा,मंत्री,सिपाही और चोर"। वो कैंटीन का समोसा और कैंटीन की चाय, वो टीचर को शुभप्रभात और लड़कियों को हाय। वो नीली पेन्ट और सफेद वाली शर्ट पर नीली टाई, वो दोस्तों का कहना "तुझे ही देख रही है वो भाई"। वो लंच से पहले खाना और इंटरवल में खेलना, वो दोस्तों के ऊपर कोट डालकर खेल-खेल में पेलना। वो प्रिंसिपल के मना करने पर भी कॉरिडोर में भागना, वो मजे मजे में टीचर्स के नामों को बिगाड़ना। वो लास्ट वाली बेंच पर ग्रुप बनाकर बैठन, वो बात बात पर टीचर्स की बातों पर ऐंठना। पूरे साल की मस्ती और फिर एग्जाम का बुखार, आज भी बहुत याद आती है स्कूल की यार। -अनकही बात #Nojoto #poem #School #Hindi #kavita #Yaad