White जनता का हक़ मिले कहाँ से, चारों ओर दलाली है | चमड़े का दरवाज़ा है और कुत्तों की रखवाली है || मंत्री, नेता, अफसर, मुंसिफ़ सब जनता के सेवक हैं | ये जुमला भी प्रजातंत्र के मुख पर भद्दी गाली है || उसके हाथों की कठपुतली हैं सत्ता के शीर्षपुरुष | कौन कहे संसद में बैठा गुंडा और मवाली है || सत्ता बेलगाम है जनता गूँगी बहरी लगती है | कोई उज़्र न करने वाला कोई नहीं सवाली है || सच को यूँ मजबूर किया है देखो झूठ बयानी पर | माला फूल गले में लटके पीछे सटी दोनाली है || दौलत शोहरत बँगला गाड़ी के पीछे सब भाग रहे हैं | फसल जिस्म की हरी भरी है ज़हनी रक़बा खाली है || सच्चाई का जुनूँ उतरते ही हम मालामाल हुए | हर सूँ यही हवा है रिश्वत हर ताली ताली है || वो सावन के अंधे हैं उनसे मत पूँछो रुत का हाल | उनकी खातिर हवा रसीली चारों सूँ हरियाली है || पंचशील के नियमो में हम खोज रहे हैं सुख साधन | चारों ओर महाभारत है दाँव चढ़ी पञ्चाली है || पहले भी मुगलों-अंग्रेजो ने जनता का ‎खून पिया | आज 'विप्लवी' भेष बदलकर नाच रही खुशहाली है || ©Deepubodhi #good_night शायरी attitude दोस्त शायरी हिंदी शायरी दोस्ती शायरी खूबसूरत दो लाइन शायरी