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मुक्तक: गधे उड़ाओ तुम नहीं माखौल ईश्वर













मुक्तक: गधे

उड़ाओ तुम नहीं माखौल ईश्वर ने बनाया सब।
गधे भी दे रहे रोटी  नहीं  इनको  चिढ़ाओ अब।
जरूरत है बनो इंसान होगा तब  भला सबका।
अभी सब जानवर पूछें सुधारोगे स्वयं को कब॥

Dinesh Pandey

©दिनेश कुशभुवनपुरी
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