मेरी परेशानियाँ मुझको सारा दिन सताती हैं मुझको तन्हाईयों में रात रात भर रूलाती हैं जब उक्ता जाता हूँ तो तेरा जिक्र हो जाता है पूछतीं है आखिर कब वो तेरी ज़िन्दगी में आती है लोग मुझसे मेरी दीवानगी की वजह पूछते रहते हैं मेरी आँखें उनको हर रोज तेरी दास्तां सुनाती हैं तू आए तो मैं सांसों की चलने की इजाजत दूं कि तेरी मासूमियत मुझको तेरी ओर बुलाती हैं अब बर्दाश्त नहीं होगा मुझसे तेरा जुदा होना देखता हूँ कल मौत मिलती है या ज़िन्दगी बुलाती है मेरी परेशानियाँ