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कुछ आहटें हैं, और कुछ आवाज़ें... कुछ शोर हैं, और कु

कुछ आहटें हैं,
और कुछ आवाज़ें...
कुछ शोर हैं,
और कुछ सन्नाटे...
जानें फिर कौन बुलाता है,
कोई हवा सा छू जाता है

ये गहरी काली ख़ामोशी
कुछ तो कहती है मुझसे..
कोई हाथों में हाथ थामें मेरा,
अपनी ही तरफ लिए जाता है..
कोई है,जो हवा सा छू जाता है

जितना भी चाहा दूर रहूँ,
उस परछाईं को ना छूं,
पर बाज़ नहीं वो आता है...
हर पल पास बुलाता है...
कोई है,जो हवा सा छू जाता है...


अनगिनत दर्द दिए हैं उसने,
ये आँसू,ये तड़प,ये बेचैनी,
फिर भी ये दिल है ढीठ बड़ा,
बस उसकी यादों को दोहराता है....
कोई तो है,जो हवा सा छू जाता है।

©अर्हंत
  आज भी इंतजार है तुम्हारा...

आज भी इंतजार है तुम्हारा... #Shayari

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