फन ऐसा किसी आईने मे देखा नही है टूटा है मुकम्मल वो मगर बिखरा नही है ज़र्रो मे है फिजा मे है हर सम्त वही है रहता है निगाहो मे मगर दिखता नही है ©J S T C rahta hai nigahon me ...