मेरी तन्हा महफिल में तुम शुमार हो गए मेरी जिन्दगी में तुम ही तुम बेशुमार हो गए खुशियों की झड़ी ऐसी रही के,जिन्दगी मुरझाई थी अब तुम बसंत बहार हो गए !!! Zia khan (Sameer) आपका धन्यवाद pock करने के लिए 🙏😊💐💐 ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1008 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।