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याद है मुझको, जीवन की शुरुआत। पकड़ा था हाथ मेरा,वह

याद है मुझको, जीवन की शुरुआत।
पकड़ा था हाथ मेरा,वह थे मेरे तात।।
हर रंजोगम से दूर रखते थे पिता जी।
खुशियों का संसार बनकर आये तात।।

©Shubham Bhardwaj
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