वो दिल से ऐसे खेल गया, जैसे जर्जर पूल से कोई रेल गया। ना मारा ना खून किया, मुझे अपनी धुन में छोड़ गया। उसकी फिरकी में अब भी उलझा हूँ मैं। उसके डर से अब भी सहमा हूँ मैं। जरा सा कहीं अब बचा हूँ मैं। अपने वजूद पर अब टिका हूँ मैं। ~Ashi's Rachna💙 ©Ashish Gupta #thought #share #Like #follow #Hindi #Poetry #poem #Shayar #in #Life