आई है शाम फिर से दस्ते सुख़न तुम्हारी आँचल में भर गई है कितने ही रंग तुम्हारे आँखों में जग गई है फिर से तलब तुम्हारी होठों पे शाद शबनम अब भी हैं लब तुम्हारे मियादों पे कट रही है जाने अदब हमारी अश्क़ों में बह रहें हैं वादे जो थे तुम्हारे तुमसे तो हैं मुक़म्मल यादें ज़बीं तुम्हारी ये शाम कह रही है किस्से हँसीं वो सारे #toyou #yqlove #yqwaitingfor #yqeve #yqlamp #yqmoon #yqyouandme