दरमियां तेरे-मेरे, फासले बढ़ से गये हैं, सोचने को अब कोई बातें रह न गये हैं। यादों के समंदर अब सूखकर तालाब हो गये, तुम चले गये और हम खराब हो गये। #Abhishek #Kesarwani #AbhishekKesarwani #LoveShayri #poetry #LikhneKaShauk