मम गुरु विद्या गुरु विद्यागुरु के गुण ग्रहण,लघुता रखो स्वयं भरपूर. लघुता से प्रभुता मिले,आशीष मिल रहा भरपूर. विद्यागुरु जी साधे जग के, साधन सभी असाध्य. गुरु-पूजन, गुरु-वंदना,आप ही है परम आराध्य. ©वैभव जैन #गुरु विद्या गुरु